कमठ काम्बोज महाभारत के अनुसार काम्बोज देश का राजा था। कमठ काम्बोज महाभारत में वर्णित काम्बोज देश का दूसरा राजा था।
पांडवों द्वारा खांडवप्रस्थ के उपनिवेशीकरण के बाद, पांडव राजा युधिष्ठर के लिए दानव मयासुर द्वारा एक शानदार महल (सभाभवन) का निर्माण किया गया था। युधिष्ठर ने शाही महल के उद्घाटन तथा जश्न मनाने के लिए उस समय के सभी प्रमुख क्षत्रिय महाराजाओं, क्षत्रिय राजकुमारों, शाही आचार्यों और अन्य प्रमुख व्यक्तियों को निमंत्रण भेजा था। इन क्षत्रिय व श्रेष्ठ महाराजाओं तथा राजकुमारों की सूची में काम्बोज देश के राजा कमठ का उल्लेख मिलता है।
सङ्ग्रामजिद्दुर्मुखश्च उग्रसेनश्च वीर्यवान् |
कक्षसेनः क्षितिपतिः क्षेमकश्चापराजितः ||
काम्बोजराजः कमठः कम्पनश्च महाबलः ||
सततं कम्पयामास यवनानेक एव यः |
यथासुरान्कालकेयान्देवो वज्रधरस्तथा ||
- महाभारत, सभा पर्व, अध्याय 4, श्लोक 20-22
यह राजा 'कमठ काम्बोज' राजा युधिष्ठर के समकालीन थे और उन्होंने खांडव-बन में पांडवों द्वारा बनाये गए 'इंद्रप्रस्थ शहर' के उद्घाटन समारोह के दौरान युधिष्ठर के दरबार की शोभा बढ़ाई। ( प्राचीन कम्बोज जन और जनपद, 1981, डॉ जिया लाल काम्बोज, पृष्ठ, पृष्ठ 52 )
यह विश्वसनीय है कि राजा कमठ काम्बोज कश्मीर के राजा थे। जिनके साथ महाबली करण को राजपुरा या राजौरी में लड़ना पड़ा।
पर्जन्य इव भूतानां प्रतिष्ठा सुहृदां भव |
बान्धवास्त्वानुजीवन्तु सहस्राक्षमिवामराः ||
स्वबाहुबलवीर्येण धार्तराष्ट्रप्रियैषिणा |
कर्ण राजपुरं गत्वा काम्बोजा निहतास्त्वया ||
गिरिव्रजगताश्चापि नग्नजित्प्रमुखा नृपाः |
अम्बष्ठाश्च विदेहाश्च गान्धाराश्च जितास्त्वया ||
- महाभारत, द्रोण पर्व, अध्याय 4, श्लोक 6
हालाँकि महाभारत में राजा कमठ काम्बोज के बारे में इसके इलावा कोई और जानकारी नहीं मिली है।
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